The बबूल के फायदे और नुकसान Diaries
गर्मियों में स्किन पर चकत्ते और खुजली से राहत दिलाएंगे ये घरेलू उपाय
जिन लोगों को स्किन एलर्जी या स्किन संबंधी समस्याएं होती हैं उन्हें भी ग्वार फली का सेवन करने से बचना चाहिए।
इसके वृक्ष सन्निकट जमीन तथा काली मिटटी में अधिक पाए जाते हैं। यह एक मध्यम आकार का वृक्ष होता है। इस कांटेदार वृक्ष के कांटे सफ़ेद से १-३ इंच तक लम्बे जोड़े होते हैं।
बबूल की छाल को चबाने से ढीले दांत मजबूत होते है। यह मसूड़ों से खून आना भी रोकता है।
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मुंह में छाले मिटाने के लिए बबूल का उपयोग किया जाता है। इसके लिए आपको बबूल की छाल को सूखाकर चूर्ण बनाना होगो एवं छाले वाली जगह पर यह चूर्ण लगा ले ऐसा करने पर छाले कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाऐगे।
इसके अलावा बबूल के पत्ते को पीसकर उसका पेस्ट लगाने से भी पसीना आना कम हो जाता है।
बबूल के पत्ते तथा तने की छाल का काढ़ा बनाकर आंखों को धोएं। इससे आंंखों की अन्य बीमारी भी ठीक हो जाती है।
बबूल के औषधीय प्रयोग का तरीका, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-
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इसके अलावा बबूल की छाल के काढ़ा से गरारा करें। इससे भी कंठ here के रोग में लाभ होता है।
बबूल के गोंद आपका वजन मेंटेन रखने में बहुत ज्यादा फ़ायदेमंद मानी जाती है। अगर आपका वजन ज्यादा है और वजन कम करना चाहते हैं या फिर वजन मेंटेन करना चाहते हैं तो आपको बबूल की गोंद का सेवन जरूर करना चाहिए। यह अधिक वसा को कम करने में मदद करती है।